
1 जून: सत्येंद्र नाथ टैगोर की जयंती
1 जून वर्ष 1842 में सत्येंद्र नाथ टैगोर का जन्म कोलकाता में हुआ वहीं भारतीय सिविल सेवा में उत्तीर्ण होने वाले पहले भारतीय थे अपना प्रोबेशनरी प्रशिक्षण पूरा कर वर्ष 1807 में भी पहले भारतीय के तौर पर भारतीय सिविल सेवा में नियुक्त हुए रविंद्र नाथ रविंद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई थे सत्येंद्र नाथ को मुंबई प्रेसिडेंसी में नियुक्त किया गया लेखक भाषाविद और समाज सुधारक सत्येंद्र नाथ ने अंग्रेजी शासन के दौरान भारतीय महिलाओं की दुर्दशा की मुक्ति के लिए अपनी आवाज बुलंद की थी वे आदि ब्रह्म समाज में सक्रिय थे वे आदि ब्रह्म समाज के अध्यक्ष और आचार्य के रूप में धार्मिक मार्गदर्शक बने और अंग्रेजी भाषा में कई पुस्तकों की रचना की 9 जनवरी 1923 को कोलकाता में निधन हो गया
1 जून: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग किया

- 1 जून वर्ष 1874 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को भंग किया गया दिसंबर 1600 समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ प्रथम की शाही फरमान से इसे पंजीकृत किया गया दक्षिण पूर्वी एशिया और खास तौर पर भारत के साथ व्यापार के लिए कंपनी की स्थापना हुई इसे मसाले के व्यापार के लिए गठित किया गया उस समय स्पेन और पुर्तगाल का इस व्यापार में एकाधिकार था कुछ समय बाद कंपनी ने मसाले के अलावा कपास रेशम चाय नील और अफीम के व्यापार का काम भी शुरू किया समय के साथ ही इसने राजनीतिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करना शुरू किया इसने लंबे समय तक ब्रिटिश सरकार की एजेंट के तौर पर भारत में काम किया वर्ष 1857 में भारतीय सेना के विद्रोह के बाद कंपनी को आंशिक रूप से भंग किया गया और वर्ष 1874 में पूरी तरह से खत्म कर दिया गया इसी के साथ ही अंग्रेजी हुकूमत ने भारत के संचालन का काम सीधा अपने हाथों में ले लिया
1 जून: नरगिस दत्त का जन्म

- हिन्दी सिनिमा की महशूर अभिनेत्री जिनका नाम रखा गया था फातिमा रशीद पर फिल्म इंडस्ट्री ने इन्हें नाम दिया नरगिस नरगिस जी का जन्म 1 जून सन 1929 में हुआ था और यह बात भी गौर करने लायक है कि मात्र 6 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नरगिस फिल्मों में काम करना शुरू कर चुके हैं और वह फिल्म थी 1935 की talash e haq
इनका जन्म कोलकाता में हुआ था इनकी मां जद्दनबाई एक हिंदुस्तानी क्लासिकल सिंगर थी और उनके पिता एक डॉक्टर थे उनका नाम था उत्तमचंद मोहन चंद्र इनके भाई अन्वयर हुसैन वो भी एक अकटीओर ही थे 6 साल की उम्र में बेबी नरगिस के नाम से जिन्होंने फिल्मों में कदम रखा और इन्हें सब नरगिसी कहने लगे ओर फिर 14 साल की उम्र में महबूब खान साहब ने नरगिस जी को हीरोइन रूप मे फिल्म मे लिया ओर फिल्म का नाम था तकदीर